नई दिल्ली: दिल्ली में गर्मी ने अपने चरम पर पहुंचते हुए नया रिकॉर्ड कायम किया है। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मुंगेशपुर में बुधवार को तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक तापमान है। एक दिन पहले ही तापमान लगभग 50 डिग्री था, जो खुद में एक रिकॉर्ड था। दिल्ली में अब तक इतना ऊँचा तापमान दर्ज नहीं किया गया था, हालांकि राजस्थान के फलोदी क्षेत्र में 50 डिग्री के आसपास तापमान आमतौर पर रिकॉर्ड किया जाता रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मुंगेशपुर स्थित स्वचालित मौसम केंद्र ने दोपहर 2.30 बजे के आसपास 52 डिग्री से अधिक तापमान दर्ज किया। इससे पहले मंगलवार को मुंगेशपुर और उत्तरी दिल्ली के नरेला में अधिकतम तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में 49.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
रिकॉर्ड तोड़ तापमान
मंगलवार को दक्षिण दिल्ली के आया नगर और दिल्ली विश्वविद्यालय के पास स्थित रिज पर वेधशालाओं में भी उच्चतम तापमान दर्ज किए गए। आया नगर में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो इस स्टेशन पर दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक तापमान है। यह मई 1988 में दर्ज किए गए 47.4 डिग्री के पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया।
पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों में, बिहार, झारखंड, ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में उष्ण लहर से लेकर गंभीर उष्ण लहर की स्थिति रहने की संभावना है तथा उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में, जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, विदर्भ और pic.twitter.com/sRkLjamJSs
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 29, 2024
गर्म हवाओं का प्रभाव
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बढ़ते तापमान के पीछे का कारण बताया। उन्होंने कहा कि शहर के बाहरी इलाक़े राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं की चपेट में सबसे पहले आते हैं। श्रीवास्तव ने पीटीआई से कहा, “दिल्ली के कुछ हिस्से इन गर्म हवाओं के जल्दी आने के लिए अतिसंवेदनशील हैं। ये पहले से ही खराब मौसम को और बदतर कर देते हैं। मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ जैसे इलाके इन गर्म हवाओं का सबसे पहले सामना करते हैं।”
जलवायु परिवर्तन की भूमिका
हाल के वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हीटवेव्स लंबी, अधिक बार-बार और अधिक तीव्र हो रही हैं। यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह दिल्ली की जनसंख्या के लिए भी चिंता का विषय है।
बिजली की मांग में वृद्धि
रिकॉर्ड तापमान के बीच बुधवार दोपहर को शहर की बिजली की मांग 8,302 मेगावाट पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे अधिक है। डिस्कॉम अधिकारियों ने बताया कि बिजली वितरण कंपनियों ने इस गर्मी में बिजली की मांग के 8,200 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान लगाया था। इस प्रकार की बढ़ी हुई मांग ने दिल्ली की बिजली आपूर्ति को गंभीर चुनौती दी है।
जल संकट का खतरा
दिल्ली जल बोर्ड ने भी चेताया है कि वे पानी की बर्बादी करने वाले किसी भी व्यक्ति पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाएंगे। यह निर्णय राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। गर्मियों में जल संकट की संभावना बढ़ जाती है, खासकर जब तापमान इतना अधिक होता है।