पुणे लोकसभा चुनाव 2024 : पुणे लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तनावपूर्ण मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस चुनाव में, दोनों पार्टियाँ अपने प्रमुख स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार रही हैं ताकि वे मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकें।
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भाजपा ने पिछले दो चुनावों में पुणे सीट को जीता है और अब भी इसे अपने पास रखने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। उनका मुख्य ध्यान प्रधानमंत्री के प्रचार को बढ़ाने पर है, जिनके नेतृत्व में देश ने विकास के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
वहीं, कांग्रेस भी इस सीट को प्राप्त करने के लिए पूरी मेहनत कर रही है। उनका उद्देश्य अपनी पूर्व बढ़त को फिर से हासिल करना है और इसलिए वे अपने विकल्पों को मतदाताओं के सामने सजाकर रख रहे हैं।
पुणे लोकसभा चुनाव 2024 : नए चेहरे उतारे गए मैदान में
पुणे लोकसभा सीट पर चुनावी महासंग्राम में नए रंग भरते हुए हैं। गिरीश बापट के निधन के बाद, बीजेपी ने पूर्व मेयर मुरलीधर मोहोल को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने विधायक रवींद्र धांगेकर को चुनावी अभियान में अपना मुख्य चेहरा बनाया है।
महाराष्ट्र में चारचरणीय चुनावी महापरिवर्तन के बाद, 11 सीटों के लिए प्रचार अभियान अब समाप्त हो चुका है। इस अभियान में विविध विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें स्कूली शिक्षा, बदनामी, और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मतदाताओं को 13 मई को मतदान करने का मौका मिलेगा। इस चुनाव में महत्वपूर्ण होगा कि कौन अपनी उपेक्षित सीटों पर अपनी बढ़त बनाए रखता है और कौन चुनौती में बदलाव ला सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करने वालों में सबसे आगे एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार थे, जिन्होंने कहा था कि अगर गांधीवादी विचारधारा अपनाकर अंग्रेजों को इस देश से बाहर निकाला जा सकता है, तो मोदी के साथ भी ऐसा करना मुश्किल नहीं होगा। ”अंग्रेजों ने लगभग एक शताब्दी तक भारत पर शासन किया, जिसके बाद भारतीय एकजुट हुए और गांधीवादी सिद्धांतों को अपनाकर उन्हें वापस भेज दिया।
जब अंग्रेजों को देश से बाहर निकाला जा सकता है तो मोदी क्या चीज़ है?” पवार ने आज दोपहर हडपसर इलाके में एमवीए के शिरूर उम्मीदवार अमोल कोल्हे के लिए एक रैली में कहा। पवार ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए शिरूर और बीड में रैलियों को संबोधित किया, जहां दोनों जगहों पर उन्होंने प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया।