पेरिस ओलंपिक : टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान आईएसआईएस (ISIS-K) द्वारा भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर हमले की धमकी की खबरें सामने आई थीं, जिससे खेल प्रेमियों और अधिकारियों में चिंता बढ़ गई थी। अब, एक और गंभीर घटना ने खेल जगत को हिला दिया है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने पेरिस ओलंपिक में आतंकी हमले की साजिश रचने के संदेह में एक 18 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है। यह घटना पेरिस ओलंपिक के खिलाफ सामने आई पहली नाकाम साजिश है, जो आठ सप्ताह में शुरू होने वाले हैं।
आतंकी साजिश का पर्दाफाश
फ्रांसीसी अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि आगामी पेरिस ओलंपिक में फुटबॉल खेलों में भाग लेने वाले दर्शकों को निशाना बनाने की साजिश के आरोपी 18 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ प्रारंभिक आतंकवाद के आरोप लगाए गए हैं। इस व्यक्ति पर इस्लामिक स्टेट समूह की जिहादी विचारधारा की ओर से “हिंसक कार्रवाई” की योजना बनाने का आरोप है।
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी अभियोजक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वह व्यक्ति चेचन्या का निवासी है और सेंट-इटियेन में आयोजित होने वाले फुटबॉल आयोजनों पर हमला करने की योजना बना रहा था। आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने बताया कि आंतरिक सुरक्षा के महानिदेशालय के सदस्यों ने 22 मई को इस व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। प्रारंभिक जांच के अनुसार, वह व्यक्ति सेंट-इटियेन में जियोफ्रॉय-गुइचार्ड स्टेडियम को निशाना बनाकर हमला करने की तैयारी कर रहा था, जो ग्रीष्मकालीन खेलों के दौरान कई फुटबॉल मैचों की मेजबानी करेगा।
साजिश का मकसद
जांचकर्ताओं का मानना है कि योजनाबद्ध हमला दर्शकों और पुलिस बलों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा था। यह हमला पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक के दौरान सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर खतरा बन सकता था। फ्रांस ने इन खेलों के मद्देनजर अपने उच्चतम खतरे के अलर्ट स्तर पर है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।
सुरक्षा उपाय और तैयारी
पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा और इसमें लाखों आगंतुकों के आने की उम्मीद है। पेरिस के स्टेड डी फ्रांस में फाइनल से पहले फ्रांस के विभिन्न शहरों में फुटबॉल मैच खेले जाएंगे। फ्रांसीसी सरकार ने सुरक्षा चिंताओं के कारण पर्यटकों को उद्घाटन समारोह देखने के लिए निःशुल्क प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया है। इसके बजाय निःशुल्क प्रवेश केवल आमंत्रण पर ही होगा। ओलंपिक मशाल रिले के लिए भी अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
आंतरिक मंत्री, गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि फुटबॉल आयोजन के खिलाफ किसी विशेष सुरक्षा खतरे का हवाला नहीं दिया गया है, लेकिन कई संभावित खतरे मौजूद हैं। इनमें इस्लामी चरमपंथी संगठन, हिंसक पर्यावरण कार्यकर्ता, दूर-दराज़ समूह और रूस या अन्य विरोधियों से साइबर हमले शामिल हैं। यह घटना फ्रांस की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक चेतावनी है।
सुरक्षा के उच्चतम स्तर पर फ्रांस
आंतरिक मंत्री डर्मैनिन ने नाकाम साजिश को लेकर कहा कि फ्रांस अपने उच्चतम खतरे के अलर्ट स्तर पर है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां मिलकर पेरिस ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। ओलंपिक खेलों के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों को सतर्क रखा गया है।
आतंकवाद के खिलाफ फ्रांस का दृढ़ संकल्प
फ्रांस ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और अधिक मजबूती से जारी रखने का संकल्प लिया है। इस घटना के बाद, फ्रांस के सुरक्षा बल और भी अधिक सतर्क हो गए हैं और संभावित खतरों का सामना करने के लिए तैयार हैं। पेरिस ओलंपिक का सफल और सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करना फ्रांसीसी अधिकारियों की प्राथमिकता है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकी समूह लगातार वैश्विक खेल आयोजनों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, फ्रांस और दुनिया भर के देश ऐसे खतरों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। पेरिस ओलंपिक के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि खिलाड़ियों, दर्शकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।