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NEET Exam Results: धांधली के आरोपों के बीच सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया

NEET Exam Results : नीट परीक्षा 2024 में सामने आई कथित गड़बड़ियों के चलते यह मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट, तक पहुंच गया है। कई छात्रों और अभिभावकों ने इन गड़बड़ियों की जांच और परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। इस वर्ष नीट (NEET) में 67 छात्रों ने एक साथ टॉप किया है, जिसमें सभी ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं। यह स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई, जिससे छात्रों और अभिभावकों के बीच काफी असमंजस और निराशा है।

NEET Exam Results

NEET Exam Results के परिणामों पर सवाल

NEET Exam Results के परिणामों की घोषणा को तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन छात्रों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। लाखों छात्र इस असमंजस में हैं कि क्या उन्हें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा घोषित परिणामों को स्वीकार करना चाहिए या दोबारा परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए। इस वर्ष के परिणामों में कुछ अनियमितताओं की खबरें सामने आई हैं, जिससे छात्रों और अभिभावकों का विश्वास डगमगा गया है।

आसान प्रश्न पत्र और अधिक टॉपर्स

NTA का दावा है कि इस साल का प्रश्न पत्र अपेक्षाकृत आसान था, और परीक्षार्थियों की संख्या में वृद्धि के कारण अधिक संख्या में टॉपर्स देखने को मिले हैं। इस साल, नीट परीक्षा में 23,33,297 छात्र शामिल हुए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है। हालांकि, 67 छात्रों का एक साथ टॉप करना और सभी का पूर्ण अंक प्राप्त करना एक असाधारण घटना है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

एक ही प्रश्न के दो सही उत्तर

फिजिक्स के एक प्रश्न में इस साल बड़ी चूक हुई, जिसमें एक ही सवाल के दो-दो सही उत्तर दिए गए थे। एनटीए ने दोनों प्रकार के उत्तरों को सही माना, जिसके कारण एक ही प्रश्न के सही उत्तर के कारण 44 टॉपर बढ़ गए। एनसीईआरटी की नई किताब के मुताबिक जो जवाब छात्रों ने दिया, वह गलत था, लेकिन पिछले साल की किताब के संस्करण में उसी जवाब को सही कहा गया था। इस प्रश्न के सही उत्तर को चुनौती दी गई थी और एनटीए ने चुनौती को स्वीकार करते हुए उन छात्रों को भी पूरे नंबर दिए, जिन्होंने ऑप्शन-चार चुना था। इस निर्णय से कई छात्रों ने टॉप किया, जो पहले कभी नहीं हुआ था।

एक ही परीक्षा केंद्र से कई टॉपर्स

हरियाणा के झज्जर में एक ही परीक्षा केंद्र से आठ-आठ टॉपर निकलने की खबर ने और अधिक सवाल खड़े कर दिए हैं। इस केंद्र के छात्रों को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए, जो एक और विवादास्पद मुद्दा बन गया है। डॉ. कृष्णा शर्मा ने इस मामले का खुलासा किया और कहा कि एनटीए को ग्रेस मार्क्स देने का अधिकार नहीं है। इस पर कोई कमेटी नहीं बनाई गई और न ही कोई क्राइटेरिया तय किया गया कि ग्रेस मार्क्स कितने देने हैं और किसको देने हैं।

छात्र और अभिभावक असमंजस में

कई छात्रों का कहना है कि उनके अंक इतने कम नहीं आ सकते हैं, और इस मामले की पूरी जांच बेहद जरूरी है। छात्रों का कहना है कि वे इस बात से दुखी हैं कि उन्हें ये समझ ही नहीं आ रहा है कि आगे अब क्या होने वाला है। पीड़ित छात्र अजीब सी मार्किंग व्यवस्था के कारण असमंजस में हैं। एनटीए के एक अधिकारी ने कहा कि 2023 में 20,38,596 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 23,33,297 हो गई। छात्रों की संख्या में वृद्धि के कारण अधिक संख्या में उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र सामने आए हैं।

गड़बड़ियों को रोकने के लिए NTA का गठन

गौरतलब है कि मेडिकल परीक्षा पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है। नौ साल पहले नीट का गठन नहीं हुआ था, तब आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) हुआ करता था। उस वक्त भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए धांधली के आरोप लगे थे और सुप्रीम कोर्ट ने उस साल 15 जून को परीक्षा रद्द कर दी थी। कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर फिर से परीक्षा लेने का आदेश दिया था। उस वक्त सरकार ने कोर्ट में दलील दी थी कि 44 छात्र धांधली में शामिल थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर एक भी छात्र गैरकानूनी तरीके से फायदा उठाता है तो पूरी परीक्षा प्रक्रिया बिगड़ जाती है।

कांग्रेस और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की मांग

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, “पहले NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके रिजल्ट में भी स्कैम हुआ है। एक ही सेंटर के छह छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें भी सामने आई हैं। दूसरी ओर, रिजल्ट आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें भी हैं। यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है।”

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी NEET के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से अपील की है कि वे NEET के खिलाफ एकजुट होकर इस परीक्षा प्रणाली को खत्म करें।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण

अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद महत्वपूर्ण होगा। क्या सुप्रीम कोर्ट इस परीक्षा को रद्द करने का आदेश देगा या नहीं, यह आने वाले सप्ताह में स्पष्ट होगा। इस बीच, छात्रों और अभिभावकों की नज़रें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं, जो इस मामले में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

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