Maratha Reservation bill passed in maharashtra Legislative Assembly: मराठा आरक्षण बिल महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी ने पेश किया था। उसे आज पारित कर दिया है। इससे अब मराठा समाज को शिक्षा ओर नौकरी में १०% आरक्षण का लाभ मिलेंगा।
मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी ने महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। पिछले चार दशकों से चल रहे संघर्ष को ख़त्म करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी ने बड़ा फैसला लिया है । सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मराठा आरक्षण कानून को ख़त्म कर दिया था। लेकिन इस बार मसौदे में सरकार ने त्रुटियों को दूर कर लिया है। एक दशक में तीसरी बार राज्य ने Maratha Reservation बिल पेश किया है।
Maratha Reservation:-इस विधेयक में क्या है
इस विधेयक में प्रस्ताव दिया गया है की आरक्षण लागु होने के १० साल बाद इसकी समीक्षा की जा सकती है। इस विधेयक में बताया गया हे की राज्य में २८% आबादी मराठा समाज की है। कुल मराठा परिवारों में से २१.२२ % परिवार गरीबी रेखा के निचे है। ओर उनके पास पिले रेशनकार्ड है। विधेयक में ये भी कहा गया हे की महाराष्ट्र में हो रहे किसान आत्महत्याओं में से ९४% आत्महत्या मराठा परिवार से है।
मनोज जरांगे पाटिल इस फैसले से नाराज
इस बिच महारष्ट्र में चल रहे Maratha Reservation आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटीलजी ने कहा हे की सरकार का यह फैसला आने वाले चुनावो को और वोटों को ध्यान में रखकर किया है। यह मराठा समाज के साथ धोखा है । मनोज जरांगे पाटिल जी ने मांग की हे की मराठा समाज को कुनबी जाती के आधार पर ओबीसी कोटे से आरक्षण दिया जाना चाहिए। फिलहाल जरांगे पाटिल जी जालना जिल्हे में १० फरवरी से अनिश्चित काल के लिए अनशन पर बैठे है।