भारतीय सेना को नया स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन ‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) प्राप्त हुआ है, जिससे चीन और पाकिस्तान की नींद उड़नी तय है। नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित इस ड्रोन का पहला बैच भारतीय सेना को मिल गया है। यह ड्रोन सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगा, क्योंकि यह दुश्मन के ठिकानों को बिना सैनिकों की जान को खतरे में डाले निशाना बना सकता है।
नागास्त्र-1 की खासिय
‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) एक सुसाइड ड्रोन है, जो अपने टारगेट पर मंडराता हुआ सीधे उसमें क्रैश हो जाता है और लक्ष्य को समाप्त कर देता है। इसे खासतौर पर थल सेना के ऑपरेशन्स को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इस ड्रोन में ‘कामिकेज़ मोड’ और जीपीएस सिस्टम है, जो इसे टारगेट को ढूंढने और उसे नष्ट करने में मदद करता है। यह ड्रोन 9 किलो वजनी है और 4,500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
ध्वनि रहित और सटीक हमला
नागास्त्र-1 (Nagastra-1) में इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम लगा है, जिससे इसकी आवाज का पता नहीं चलता। 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर यह ड्रोन लगभग साइलेंट होता है। SPS Aviation की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह ड्रोन ऑटो मोड में अधिकतम 30 किलोमीटर की स्पीड से उड़ सकता है। जब इसे रिमोट से ऑपरेट किया जाता है तो इसकी स्पीड 15 किलोमीटर हो जाती है। यह अपने टारगेट के ऊपर 60 मिनट तक मंडरा सकता है और 1 किलो का वारहेड ले जा सकता है।
नाइट विजन कैमरा और सॉफ्ट लैंडिंग
‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) में नाइट विजन कैमरे लगे हैं, जिससे यह 24 घंटे दुश्मन पर निगाह रख सकता है। इसके अलावा, इस ड्रोन का टारगेट मिड-फ्लाइट के दौरान भी बदला जा सकता है। अगर मिशन अबॉर्ट करना पड़े तो यह पैराशूट के सहारे सॉफ्ट लैंडिंग में भी सक्षम है। इसमें एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, कम्युनिकेशन कंट्रोल, पेलोड और न्यूमेटिक लॉन्चर भी शामिल है।
75% स्वदेशी मैटेरियल
‘नागास्त्र-1′(Nagastra-1) को बनाने में 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, रक्षा अधिकारियों ने इसका प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन भी किया और संतुष्ट नजर आए। सेना को 480 ऐसे ड्रोन का ऑर्डर दिया गया था, जिसमें से 120 डिलीवर किया जा चुका है। कंपनी नागास्त्र-2 पर भी काम कर रही है, जो ‘नागास्त्र-1’ का अपडेटेड वर्जन होगा और 25 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकेगा।
POK में आतंकियों के लिए काल
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बहुत उपयोगी साबित होगा। वहां आतंकियों के लॉन्च पैड, ट्रेनिंग कैंप और ठिकानों को पलक झपकते खत्म किया जा सकेगा। सैनिकों को भेजने का जोखिम भी नहीं उठाना पड़ेगा। रूस-यूक्रेन से लेकर इजराइल और हमास की लड़ाई में जिस तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, उस परिप्रेक्ष्य में ‘नागास्त्र-1’ भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
भारतीय सेना की ताकत में इजाफा
‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) जैसे आधुनिक ड्रोन भारतीय सेना की ताकत में इजाफा करेंगे और दुश्मनों के खिलाफ सैन्य अभियानों को अधिक प्रभावी बनाएंगे। इसकी मदद से सेना दुश्मनों को उनके घर में ही निशाना बना सकेगी, जिससे देश की सुरक्षा और मजबूत होगी।
नागास्त्र-1 की क्षमता
‘नागास्त्र-1’ का उपयोग सीमित समय के लिए दुश्मनों पर सटीक हमला करने के लिए किया जा सकता है। इसका स्वदेशी निर्माण और उन्नत तकनीक इसे एक महत्वपूर्ण हथियार बनाते हैं। भारतीय सेना के टॉप अफसरों ने इसका प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन किया और इसके प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आए। इस ड्रोन के आने से भारतीय सेना की ताकत और भी बढ़ गई है और यह दुश्मनों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा।