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अरविंद केजरीवाल की रेगुलर जमानत याचिका पर सुनवाई: राउज एवेन्यू कोर्ट में क्या-क्या हुआ

नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रेगुलर जमानत याचिका पर आज राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हो रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट की वेकेशन जज मुकेश कुमार के समक्ष अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह पूरा केस केवल गवाहों के बयानों पर आधारित है। अरविंद केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत को बताया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया हुआ है।

अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल के वकील की दलीलें

अरविंद केजरीवाल के वकील ने अदालत में दलील दी कि 27 अगस्त को ईडी ने ECIR दर्ज की है। पीएमएलए के तहत कई शिकायतें दर्ज की गई हैं और कई चार्जशीट दाखिल की गई हैं, पर किसी में भी केजरीवाल को आरोपी नहीं बनाया गया है। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में भी केजरीवाल अभी तक आरोपी नहीं बनाए गए हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया हैं। उनसे समाज को कोई खतरा नहीं है।

सीबीआई और ईडी की शिकायत

वकील ने बताया कि 17 अगस्त 2022 को CBI ने केस दर्ज किया था। सीबीआई द्वारा मामले में कई चार्जशीट दाखिल की गई हैं, लेकिन केजरीवाल किसी में भी आरोपी नहीं हैं। सीबीआई ने उनसे पूछताछ भी की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। ईडी ने केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से बुलाने का समन जारी किया था, जिसका उन्होंने विरोध किया।

लोकसभा चुनाव की तारीख की याद दिलाई

अरविंद केजरीवाल के वकील ने अदालत से कहा कि 16 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव की घोषणा के दिन ही ईडी ने समन जारी किया। यह समन चुनाव के समय को प्रभावित करने के इरादे से किया गया था। केजरीवाल के वकील ने इस समन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया और तीन हफ्ते में जवाब मांगा।

गवाहों के बयानों पर सवाल

अरविंद केजरीवाल के वकील ने गवाहों के बयानों की सत्यता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान संदेहास्पद हैं और इनमें भौतिक पुष्टि का अभाव है। यह बयान ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने और जमानत मिलने में विफल रहने के बाद दिए गए थे। ईडी ने इन बयानों के लिए गवाहों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सौदा किया।

पीएमएलए और सीबीआई के मामले में अंतर

केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी द्वारा लगाए गए आरोप पीएमएलए के तहत नहीं बल्कि सीबीआई के मामले में अधिक लगते हैं। ईडी केजरीवाल के कंडक्ट पर आरोप लगा रही है, जबकि अगर उनका कंडक्ट खराब होता, तो इसकी जांच सीबीआई करती। ईडी केवल मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी भूमिका की जांच कर सकती है।

महत्वपूर्ण तारीखें और घटनाएं

वकील ने बताया कि यह मामला अगस्त 2022 से लंबित है और केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले मार्च 2024 में हुई। गिरफ्तारी के समय के पीछे भी एक दुर्भावना है। वकील ने बताया कि गवाहों के बयान में भी कई असंगतियां हैं, जो उनकी सत्यता पर सवाल खड़े करती हैं।

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