J-20 Stealth Fighter Jet : चीन ने हाल ही में अपने सबसे अत्याधुनिकJ-20 Stealth Fighter Jet को भारत की सीमा के करीब तैनात किया है। शिगात्से एयरबेस पर तैनात किए गए इन लड़ाकू विमानों की उपस्थिति ने क्षेत्रीय सुरक्षा और सामरिक समीकरणों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। यह एयरबेस तिब्बत में स्थित है और भारत के सिक्किम सीमा से केवल 150 किलोमीटर की दूरी पर है। इस कदम से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पहले से ही संवेदनशील मुद्दा रहा है।
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J-20 Stealth Fighter Jet : तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक
J-20 माइटी ड्रैगन चीन का सबसे उन्नत फाइटर जेट है, जिसमें स्टेल्थ तकनीक का उपयोग किया गया है। स्टेल्थ तकनीक वाले विमान दुश्मन के रडार में मुश्किल से पकड़ में आते हैं, जिससे वे अत्यधिक घातक बन जाते हैं। J-20 की अधिकतम गति 2450 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसकी कॉम्बैट रेडियस करीब 3400 किलोमीटर है, जो इसे लंबी दूरी के मिशनों के लिए बेहद प्रभावी बनाता है।
इस फाइटर जेट का डिजाइन और निर्माण चेंगदू एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन द्वारा किया गया है और इसे 2017 में चीनी वायुसेना में शामिल किया गया था। J-20 का मुकाबला करने वाले प्रमुख फाइटर जेट में अमेरिकी वायुसेना के F-22 रैप्टर और F-35 शामिल हैं, जो दुनिया के सबसे उन्नत स्टेल्थ फाइटर जेट्स में से हैं।
शिगात्से एयरबेस पर J-20 की तैनाती
शिगात्से एयरबेस दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित एयरबेस में से एक है, जो 12,408 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस एयरबेस का उपयोग सैन्य और आम नागरिक दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है। 27 मई की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि शिगात्से एयरबेस में चीन ने छह J-20 Stealth Fighter Jet तैनात किए हैं। इन तस्वीरों को भौगोलिक इंटेलिजेंस पर नजर रखने वाली फर्म ऑल सोर्स एनालिसिस की अनुमति से प्रकाशित किया गया है।
ऑल सोर्स एनालिसिस के वाइस प्रेसिडेंट के अनुसार, यह तैनाती J-20 Stealth Fighter Jet की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है। पहले भी 2020 और 2023 के बीच इनकी तैनाती शिंजियांग में की गई थी, लेकिन तिब्बत में इनकी तैनाती भारतीय सीमा के नजदीक चीन की रणनीतिक मंशा को दर्शाती है।
भारतीय वायुसेना की तैयारी
भारतीय वायुसेना को J-20 Stealth Fighter Jet लड़ाकू विमानों की तैनाती के बारे में जानकारी है, हालांकि अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। भारत के पास 36 रफाल लड़ाकू विमान हैं, जिनमें से 16 रफाल का एक स्क्वॉड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर तैनात है, जो शिगात्से से करीब 290 किलोमीटर दूर है। रफाल और J-20 दोनों ही अत्याधुनिक फाइटर जेट्स हैं, और उनकी तैनाती से क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
क्षेत्रीय सुरक्षा और सामरिक महत्व
चीन द्वारा तिब्बत में J-20 की तैनाती केवल सैन्य दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक समीकरणों पर भी असर डालती है। चीन ने पिछले 5 वर्षों में तिब्बत और दूसरे इलाकों में अपनी एयरफोर्स क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसमें नए एयरबेस का निर्माण और पहले से मौजूद एयरबेस पर इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार शामिल हैं।
इस तैनाती से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ सकता है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पहले से ही एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। हाल के वर्षों में, गलवान घाटी में हुई झड़पें और अन्य सीमा विवादों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।