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छत्तीसगढ़: सरकारी अस्पतालों में हीमोग्लोबिन दवाओं पर औषधि विभाग की छापेमारी, सैंपल जांच के लिए भेजे गए

रायपुर: छत्तीसगढ़ में घटिया दवाओं की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं, खासकर सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हीमोग्लोबिन और खून संबंधित दवाओं को लेकर। हाल ही में छत्तीसगढ़ खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर के कई सरकारी अस्पतालों पर छापेमारी की है। इस दौरान हीमोग्लोबिन और खून से जुड़ी कई दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

हीमोग्लोबिन

स्वास्थ्य मंत्री की चिंता

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घटिया दवाओं की बढ़ती शिकायतों के बीच हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हीमोग्लोबिन दवाओं के लगातार सेवन के बावजूद महिलाओं और बच्चों में हीमोग्लोबिन का स्तर सुधर नहीं रहा है। इस पर उन्होंने खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग को सैंपल लेकर जांच के निर्देश दिए।

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण

छत्तीसगढ़ खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने शासन के निर्देश पर जिला अस्पतालों, स्कूलों और छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) के वेयर हाउस से आयरन-फोलिक एसिड के विभिन्न फार्मूलेशन के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए भेजा। यह दवाएं गर्भवती महिलाओं और बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हीमोग्लोबिन, गर्भवती महिलाओं में शिशु विकास में बहुत सहायक होती है।

विभिन्न जिलों से लिए गए सैंपल

जिला अस्पतालों और सरकारी वेयर हाउसों से सैंपल लिए गए, जिनमें रायपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर, जशपुर और कोरिया शामिल हैं। इन स्थानों से सैंपल जांच के लिए भेजे गए ताकि दवाओं की गुणवत्ता की पुष्टि की जा सके और घटिया दवाओं की आपूर्ति को रोका जा सके।

जांच के लिए लिए गए दवाओं के सैंपल

जांच के लिए जिन दवाओं के सैंपल लिए गए हैं, उनमें आईएफए – विफ़्स जूनियर, आईएफए – विफ़्स रेड, और आईएफए – विफ़्स ब्लू शामिल हैं। यह दवाएं गर्भवती महिलाओं और बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।

एनीमिया की स्थिति गंभीर

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 61 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं, जबकि 51 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी बड़ी समस्या है। साल 2016 में यह आंकड़ा 47 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया है।

खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग का बयान

खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी बसंत कौशिक ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर हमने सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। घटिया दवाओं की पुष्टि होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने घटिया दवाओं की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की है और सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। अगर दवाएं घटिया पाई जाती हैं, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।”

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