तृणमूल कांग्रेस की ममता दीदी ने असम की चार सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस वक्त देश में चुनाव का माहौल चल रहा है। असम में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। मौजूदा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है तो ममता बनर्जी ने इस एकता को झटका दिया.
ममता दीदी के तृणमूल कांग्रेस द्वारा असम में चार उम्मीदवारों की घोषणा करने के फैसले से कांग्रेस को एक झटका लग सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि असम में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच एकता का माहौल बन रहा था, जिसके माध्यम से विपक्ष ने बीजेपी के खिलाफ संगठन किया था। लेकिन ममता दीदी की यह कदम कांग्रेस की योजना को विफल बना सकता है।
Under the guidance and inspiration of Hon’ble Chairperson Smt.@MamataOfficial , we are pleased to announce the AITC
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) March 14, 2024
candidates from four Parliamentary Constituencies in Assam. pic.twitter.com/aLtxnZZTp6
“तृणमूल कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिलचर, कोकराझार और बारपेटा, लखीमपुर के चार लोकसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की है। इसके अलावा, लखीमपुर से घाना कांता चुटिया और सिलचर से हरदाश्याम विश्वास की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है।”
इस घोषणा से बीजेपी को भी फायदा हो सकता है, क्योंकि विपक्ष के बीच विभाजन या विरोध की स्थिति का बढ़ना संभव है। यह माना जा सकता है कि असम में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच साझेदारी का माहौल गड़ रहा था, जिससे विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ मजबूती मिलती थी। इस नए चरण में, विपक्ष की इस साझेदारी में कमजोरी आ सकती है, जिससे बीजेपी को फायदा हो सकता है।
इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस की यह घोषणा भी विपक्ष में निर्वाचन चुनौतियों को बढ़ा सकती है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की उपस्थिति, विपक्ष में उभरती आंदोलन की चुनौतियों को और भी मजबूत बना सकती है।