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Dhruv Jurel :ध्रुव जुरेल सल्यूट मारके मनाया अपना पहला अर्धशतक , ध्रुव जुरेल के संघर्ष की कहानी

Dhruv Jurel: ध्रुव, जो उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्मे थे, बचपन से ही क्रिकेट के प्रति अपनी रुचि रखते थे। लेकिन उनके पिता, नेम सिंह, जो कारगिल युद्ध में सेना में शामिल रहे थे, चाहते थे कि उनका बेटा देश की सेवा में योगदान दे। ध्रुव के पिता उनके क्रिकेट करियर के खिलाफ थे।

Dhruv Jurel

ध्रुव जुरेल, उत्तर प्रदेश के धरोहरी क्रिकेटर, इंग्लैंड के खिलाफ जारी चौथे टेस्ट मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने भारत की पहली पारी में 90 रन बनाए। पहले भी राजकोट टेस्ट में उन्होंने 46 रन की शानदार पारी खेली थी। ध्रुव जुरेल ने अपने इस प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में धमाल मचा दिया है।

यह 23 वर्षीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ने रांची टेस्ट में छह चौकों और चार छक्कों के जादूगरी प्रदर्शन से इंग्लिश गेंदबाजों को परेशान किया। अनुसार मीडिया रिपोर्ट्स, ध्रुव के दमदार प्रदर्शन से टीम मैनेजमेंट काफी खुश है। माना जा रहा है कि धर्मशाला टेस्ट (7-11 मार्च) में उन्हें मौका दिया जा सकता है।

ध्रुव जुरेल के लिए सफलता की कहानी कुछ भी सहज नहीं रही है। उनके खिलाफ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह क्रिकेटर बनें, बल्कि उन्हें देश की सेवा में योगदान देने की इच्छा थी। लेकिन ध्रुव की जिद और प्रतिभा ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में उत्तेजित कर दिया।

ध्रुव ने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि उनकी जगह केवल उत्तर प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी है। वह अब इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका दिया जा रहा है।

ध्रुव को अपने प्रतिभा का परिचय भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी मिला। वे राजस्थान रॉयल्स की टीम में शामिल हो गए और उन्होंने अपने प्रथम मैच में 32 रनों की बेहतरीन पारी खेली। उनके इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद, उन्हें बड़े पुनर्विचार के साथ आईपीएल 2024 के लिए राजस्थान रॉयल्स टीम में शामिल किया गया है।

ध्रुव के प्रतिभावान प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय टीम के दर्शनीय आँकड़ों के लिए उम्मीदवार बना दिया है। वे महेंद्र सिंह धोनी के समर्थनकर्ता हैं और उनके तर्कसंगत खेलने की शैली को आदर्श मानते हैं। ध्रुव की बल्लेबाजी में उन्होंने अबी डिविलियर्स की तर्ज पर अपनी बुनियादी खेल की शैली का अनुसरण किया है।

इस समय, ध्रुव की सबसे बड़ी चुनौती भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने की है। वह अपनी प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से समर्थ हैं और उन्हें इसमें सफलता मिलेगी।

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