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बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के दावे पर तेजस्वी यादव का पलटवार: 'पूछताछ में सब साफ हो जाएगा'

बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा द्वारा एनईईटी ‘पेपर लीक’ के मुख्य संदिग्ध की गिरफ्तारी के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए तेजस्वी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार राज्य की है, केंद्र की सरकार भी उन्हीं की है, और जांच एजेंसियां भी उन्हीं के अधीन हैं। तेजस्वी ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा, मेरे सहायक को बुलाओ। चाहे वह मेरा पीए हो या पीएस, उन्हें बुलाकर जांच करें। उप मुख्यमंत्री जो सवाल उठा रहे हैं…ईओयू उनकी नहीं सुनती। उन्हें कुछ नहीं पता।”

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मामला केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए उठाया जा रहा है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए और अगर उनके किसी सहयोगी का इसमें हाथ है, तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

संदिग्ध गिरफ्तार,

बिहार में एनईईटी ‘पेपर लीक’ मामले में मुख्य संदिग्ध की गिरफ्तारी के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया था कि गिरफ्तार संदिग्ध का संबंध तेजस्वी यादव के करीबी अधिकारियों से है, जिससे राजनीति में हड़कंप मच गया। तेजस्वी यादव ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद बताया।

जांच और पारदर्शिता की मांग

तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर सरकार सच में इस मामले को लेकर गंभीर है, तो उन्हें पारदर्शी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर मेरे सहायक या किसी भी अधिकारी का इसमें हाथ है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। लेकिन बिना सबूत के आरोप लगाना और राजनीतिक फायदे के लिए मेरे नाम को घसीटना गलत है।”

तेजस्वी ने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों को बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम करने देना चाहिए और जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप केवल ध्यान भटकाने और राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए लगाए जा रहे हैं।

विपक्षी दलों ने भी इस मामले में अपने विचार प्रकट किए हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला सरकार की नाकामी को दर्शाता है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल को घसीटना अनुचित है। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले अपनी व्यवस्था में सुधार करना चाहिए और उसके बाद किसी पर आरोप लगाना चाहिए।

तेजस्वी यादव के बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोग तेजस्वी के समर्थन में खड़े हुए और कहा कि यह मामला केवल उन्हें बदनाम करने के लिए उठाया गया है। वहीं, कुछ लोगों ने सरकार से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की।

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