इंदौर, 3 जून (पीटीआई) – मध्य प्रदेश के इंदौर शहर ने World Bicycle Day (विश्व साइकिल दिवस) की पूर्व संध्या पर कुछ अनोखा और प्रेरणादायक किया। 300 साइकिल चालकों का एक समूह, जिसमें 45 महिलाएं भी शामिल थीं, ने एक जीपीएस आर्ट प्रोजेक्ट के तहत साइकिल का पैटर्न तैयार किया। यह प्रोजेक्ट ‘द पैडल एंथूज़ियास्ट्स’ नामक समूह के नेतृत्व में हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने 25 किलोमीटर का पूर्व निर्धारित मार्ग तय किया और जीपीएस के माध्यम से साइकिल का आकार बनाया।
क्या है जीपीएस आर्ट?
जीपीएस आर्ट एक प्रकार की कला है जिसमें साइकिल चालक या पैदल यात्री एक विशेष मार्ग पर चलते हैं और जीपीएस उपकरण की मदद से एक पूर्व निर्धारित पैटर्न बनाते हैं। यह पैटर्न बाद में एक ऐप की मदद से क्षेत्रीय मानचित्र पर एक रेखा के रूप में देखा जाता है। यह कला न केवल रचनात्मकता और तकनीक का संगम है, बल्कि स्वस्थ जीवन शैली को भी बढ़ावा देती है।
‘द पैडल एंथूज़ियास्ट्स’ का मिशन
‘द पैडल एंथूज़ियास्ट्स’ समूह के प्रमुख, अमोल वाधवानी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में चार महीने की कड़ी मेहनत लगी। “हम इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पिछले चार महीनों से मेहनत कर रहे थे,” उन्होंने कहा। “विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर एक अनोखी गतिविधि का आयोजन करने का उद्देश्य था। हम चाहते थे कि लोग साइकिलिंग के फायदों को समझें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।”
जीपीएस आर्ट बनाने की प्रक्रिया
इस अनूठे प्रोजेक्ट के तहत, 300 साइकिल चालकों ने इंदौर की चौड़ी सड़कों और संकरी गलियों से होते हुए 25 किलोमीटर का सफर तय किया। यह सफर गांधी हॉल से शुरू होकर वहीं समाप्त हुआ। इस सफर में उन्होंने जीपीएस उपकरण की मदद से साइकिल का पैटर्न बनाया। यह पैटर्न न केवल देखने में आकर्षक था, बल्कि यह साइकिल चालकों की एकता और उनकी मेहनत को भी दर्शाता था।
स्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश
अप्रैल 2018 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस घोषित किया। यह दिन स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने और साइकिलिंग के फायदों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। साइकिलिंग एक कम लागत वाली, पर्यावरण के अनुकूल, और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद गतिविधि है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
इस प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले साइकिल चालकों का अनुभव बेहद सकारात्मक रहा। 45 महिला साइकिल चालकों ने भी इस प्रोजेक्ट में भाग लेकर एक मिसाल कायम की। एक महिला प्रतिभागी ने कहा, “यह अनुभव मेरे लिए बेहद खास था। न केवल हमने साइकिलिंग का मजा लिया, बल्कि हमने एक अनूठा और प्रेरणादायक पैटर्न भी बनाया।”
‘द पैडल एंथूज़ियास्ट्स’ समूह का लक्ष्य है कि वे भविष्य में भी ऐसे अनूठे प्रोजेक्ट्स का आयोजन करें। अमोल वाधवानी ने बताया कि वे अगले विश्व साइकिल दिवस के लिए भी कुछ खास योजना बना रहे हैं। “हमारा लक्ष्य है कि हम साइकिलिंग को लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और उन्हें इसके फायदों के बारे में जागरूक करें,” उन्होंने कहा।
इंदौर शहर ने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से यह साबित कर दिया कि साइकिलिंग केवल एक खेल नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है। शहर के लोग इस प्रोजेक्ट के माध्यम से साइकिलिंग के महत्व को समझ रहे हैं और इसे अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।