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अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से राहत नहीं, फिर से जाना होगा तिहाड़ जेल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर से तिहाड़ जेल का सामना करना पड़ेगा। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो 5 जून को सुनाया जाएगा। इस बीच, उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करना होगा।

अरविंद केजरीवाल

जमानत याचिका और कोर्ट का फैसला

अरविंद केजरीवाल ने अपनी जमानत अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी। उनकी अंतरिम जमानत 1 जून को समाप्त हो रही थी, जिसके बाद उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करने का आदेश था। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील एन हरिहरन ने जमानत की अवधि एक सप्ताह बढ़ाने की मांग की, लेकिन अदालत ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 5 जून को सुनाने का निर्णय लिया। इसके चलते, केजरीवाल को निर्धारित समय पर तिहाड़ जेल में सरेंडर करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है और अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी थी।

गंभीर आरोप

अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था। आम आदमी पार्टी ने इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया था और कहा था कि यह भाजपा की चाल है।

चुनाव प्रचार और जमानत

दिल्ली के मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी थी ताकि वह लोकसभा चुनाव में प्रचार कर सकें। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और एक राष्ट्रीय दल के नेता हैं। कोर्ट ने यह भी कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

सरेंडर का समय

अरविंद केजरीवाल को 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करना होगा। इसका सीधा मतलब है कि वह लोकसभा चुनाव के नतीजे जेल में रहकर ही देख सकेंगे। इस समय केजरीवाल की अनुपस्थिति का आम आदमी पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। पार्टी के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर जब चुनाव परिणाम आने वाले हैं।

वकीलों की दलीलें

सुनवाई के दौरान, केजरीवाल के वकील एन हरिहरन ने तर्क दिया कि केजरीवाल को गंभीर बीमारी है और उनका PET-CT स्कैन किया जाना है। दूसरी ओर, ईडी के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि वे 2 जून को 3 बजे सरेंडर करेंगे। मेहता ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल ने जनता को गुमराह करने की कोशिश की है और वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही सरेंडर कर रहे हैं।

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