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जम्मू-कश्मीर में सफल मतदान से अमित शाह गदगद,अब करेंगे ये 2 बड़े काम

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसमें भारी मतदान हुआ। गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर खुशी जताई और इसे मोदी सरकार की कश्मीर नीति की सफलता करार दिया। श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी में हुए मतदान में भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया, जिससे लोकतंत्र की जीत सुनिश्चित हुई।

जम्मू-कश्मीर

मतदान के आंकड़े

जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों श्रीनगर, जम्मू, बारामूला, उधमपुर और अनंतनाग-राजौरी में हाल ही में हुए चुनावों में, मतदाताओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। श्रीनगर में 38.49%, बारामूला में 59.1%, और अनंतनाग-राजौरी में 53% मतदान हुआ। इन आंकड़ों ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए और दिखाया कि कश्मीर घाटी में लोकतंत्र में विश्वास फिर से बहाल हो रहा है।

अमित शाह की प्रतिक्रिया

गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफल मतदान के बाद कहा कि मोदी सरकार की कश्मीर नीति सही साबित हुई है। उन्होंने कहा कि अलगाववादियों ने भी भारी मतदान किया है, जो यह दर्शाता है कि अब लोग भारतीय संविधान में विश्वास कर रहे हैं। शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि 30 सितंबर से पहले क्षेत्र में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे।

विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा

अमित शाह ने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैंने संसद में कहा है कि हम विधानसभा चुनाव के बाद राज्य का दर्जा देंगे।” उन्होंने बताया कि चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और परिसीमन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जिससे आरक्षण देने में सुविधा होगी।

लोकतंत्र की जीत

शाह ने कहा कि कश्मीर में रिकॉर्ड मतदान लोकतंत्र की बड़ी जीत है। चुनाव आयोग ने भी कहा कि कश्मीर घाटी की तीन सीटों – श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी में “कई दशकों में” सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। यह मोदी सरकार की कश्मीर नीति की सफलता का प्रमाण है।

पीओके पर अमित शाह का बयान

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जम्मू-कश्मीर में विलय की संभावना पर शाह ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विश्वास है कि पीओके 1947-48 में भारत का हिस्सा हो सकता था। उन्होंने कहा कि पीओके के संभावित विलय का फैसला गंभीर चर्चा के बाद ही किया जा सकता है। शाह ने यह भी कहा कि पीओके का विलय बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा है।

भविष्य की योजनाएं

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब विधानसभा चुनाव की बारी है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव कराने का निर्देश दिया है और इस समय सीमा से पहले प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया भी विधानसभा चुनावों के बाद शुरू की जाएगी।

जम्मू-कश्मीर में हुए सफल मतदान ने यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र की जड़ें और भी गहरी हो रही हैं। अमित शाह ने इस मौके पर मोदी सरकार की कश्मीर नीति की सराहना की और क्षेत्र में शांति और विकास का वादा किया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की बड़ी जीत है और कश्मीर के लोगों का भारतीय संविधान में विश्वास का प्रतीक है। आगामी विधानसभा चुनावों और राज्य के दर्जे की बहाली से जम्मू-कश्मीर में नई उम्मीदें जागी हैं, जिससे क्षेत्र में विकास और स्थिरता की राह प्रशस्त होगी।

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