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Dr. B.R. Ambedkar Jayanti 2024: डॉ. बाबासाहब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती आज,उनके जीवन से जुडी १० बातें।

Dr. B.R. Ambedkar Jayanti 2024:डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती को प्रथमता नमन! उनके जीवन और उपलब्धियों को समर्पित करने के लिए आज हम सभी को एक साथ आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने समाज में समानता, न्याय और अधिकार की लड़ाई लड़ी, और हमें भी उनके उत्कृष्ट आदर्शों का पालन करते हुए समाज में परिवर्तन लाने के प्रति समर्थ बनना चाहिए। उनकी जयंती हमें याद दिलाती है कि एक समर्थ समाज केवल शिक्षा, समानता और न्याय के माध्यम से ही संभव है।

Dr. B.R. Ambedkar Jayanti 2024

Dr. B. R .Ambedkar Jayanti 2024: आज भारत भर में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। अंबेडकर जी भारतीय संविधान के महान निर्माता, समाज सुधारक, और दलित वर्ग के प्रति आवाज़ उठाने वाले महान विचारक थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था।

भीमराव अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे. आज इनकी 133वीं जयंती मनाई जा रही है. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें-

भारतीय समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें हैं, और इसका असर भीमराव अंबेडकर के जीवन पर पड़ा। उनका जन्म महार जाति में हुआ था, जो कि समाज में अछूत मानी जाती है। इस स्थिति में, उन्हें बचपन से ही सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा।

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भीमराव अंबेडकर के शैक्षिक पथ पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर 1908 में रखा गया, जब उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि वे पहले दलित छात्र थे जिन्होंने इस प्रसिद्ध महाविद्यालय में प्रवेश पाया।

भीमराव अंबेडकर ने समाज में अत्याचार और न्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कई माध्यमों का उपयोग किया। उन्होंने दलितों, निचले वर्ग, मजदूरों और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उनकी आवाज़ को सुनाने के लिए कई पत्रिकाओं की स्थापना की।

उन्होंने ‘बहिष्कृत भारत’, ‘मूक नायक’ और ‘जनता’ जैसी पाक्षिक और साप्ताहिक पत्रिकाओं की शुरुआत की, जिनके माध्यम से वे समाज में असमानता, उत्पीड़न और अन्याय के मुद्दों पर चर्चा करते थे। इन पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित किया और सामाजिक जागरूकता फैलाने का काम किया।.

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने आजाद भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश के संविधान को तैयार करने में भी अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया, जो विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान बना। इस कार्य में उन्होंने 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लिया।

भारतीय संविधान को तैयार करने में अंबेडकर जी ने विभिन्न समाज और सम्प्रदायों की धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं का ध्यान रखा। उन्होंने संविधान को जनता के हित में बनाया, जिसमें सभी नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों का समान रूप से प्रकार किया गया।

भीमराव अंबेडकर का विवाह 1906 में रमाबाई से हुआ था, जब उनकी उम्र 15 साल थी।उनकी पहली पत्नी रमाबाई की मृत्यु के बाद, उन्होंने सविता से दूसरा विवाह किया।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर एक अत्यंत विद्वान और शैक्षिक व्यक्तित्व थे। उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान था, जिसमें मराठी, हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत, पाली, फ्रेंच, जर्मन, बंगाली, और गुजराती शामिल थीं।उन्होंने देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों से अपनी ऊँची शैक्षिक योग्यता का प्रमाण दिया। उन्होंने पीएचडी की कई मानक उपाधियाँ प्राप्त की और उनके पास लगभग 32 डिग्रियां थीं।

1951 में भारतीय संसद में भारतीय संविधान के अंतर्गत हिंदू कोड बिल मसौदे को लेकर एक महत्वपूर्ण घटना घटी। इस मसौदे में उत्तराधिकार, विवाह, और अर्थव्यवस्था को लेकर कानून में लैंगिक समानता की बात कही गई थी। यह मसौदा लैंगिक समानता के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल करता था।
भारतीय संसद में इस मसौदे के विरोध में कुछ सदस्यों ने विरोध प्रकट किया, और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, जो तब के कानून मंत्री थे, ने मंत्रिमंडल पद से इस्तीफा दे दिया।

1956 में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म को अपनाया। इस आस्था परिवर्तन के साथ, उनकी पत्नी सविता और लाखों दलितों ने भी बौद्ध धर्म को अपनाया।बौद्ध धर्म की प्रारंभिक सिख्या और उसके मूल्यों के प्रति उनकी गहरी रुचि ने उन्हें इस धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनका बौद्ध धर्म को अपनाना भी दलित समाज को उनकी आत्म-सम्मान और गरिमा की एक नई पहचान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनके आवास में हुई थी। उन्हें मधुमेह की समस्या थी, जो उनकी सेहत को प्रभावित कर रही थी। उनकी मृत्यु एक अत्यंत दुःखद घटना थी, जिसने देश और समाज को एक महान नेता और समाज सुधारक की हानि का अनुभव कराया।.

भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता और भारतीय समाज के प्रमुख समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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